देश के गरीबों, किसानों, मजदूरों के लिए यह आर्थिक पैकेज: निर्मला सीतारमण

Update: 2020-05-14 10:46 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। इसमें उन्होंने किसानों और प्रवासी मजदूरों के लिए राहत पैकेज के बारे में बारीकी से जानकारी दी। वित्त मंत्री के साथ केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा, "कोरोना संकट के समय में प्रधानमंत्री ने कई योजनाओं के जरिये गरीबों की आर्थिक मदद की है। यह आर्थिक पैकेज किसानों और मजदूरों के लिए है।"

पढ़िए वित्त मंत्री की भाषण की बिंदुवार घोषणा

- आज की पहल प्रवासी श्रमिकों, सड़क विक्रेताओं, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार और छोटे किसानों पर केंद्रित है।

- अब तक 63 लाख रुपए का कर्ज कृषि क्षेत्र के लिए मंजूर किया गया है। 1 मार्च को वसूले जाने वाले फसली ऋणों पर ब्याज और शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन को 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। देश के तीन करोड़ किसानों ने बीते तीन महीनों में 4.22 लाख करोड़ रुपए का लाभ उठाया।

- शहरी गरीबों के लिए पिछले दो महीने से तीन टाईम का भोजन और आवास मुहैया करवाया जा रहा है। हम प्रवासी मजदूरों की समस्या के लिए गंभीर हैं। 

- प्रवासियों के लिए आश्रय स्थापित करने और उन्हें भोजन और पानी आदि प्रदान करने के लिए सरकार ने एसडीआरएफ का उपयोग करने के लिए राज्य सरकार को अनुमति दी है। हम सचेत हैं, हम प्रवासियों की मदद के लिए कई तरीकों से मदद कर रहे हैं।

- वापस अपने गृह राज्य पहुंचे प्रवासी मजदूरों समेत 2.33 करोड़ लोगों को मनरेगा में रोजगार दिया गया है। हमने पहले ही 13 मई तक मनरेगा में 14.62 करोड़ व्यक्ति-कार्य का सृजन कर लिया है, जो कि पिछले मई की तुलना में 40-50 प्रतिशत अधिक है। प्रवासी श्रमिक अपने राज्यों में वापस सक्रिय रूप से नामांकित हो रहे हैं।

- देश की 1.87 लाख ग्राम पंचायत में अब तक 2.33 करोड़ मजदूरों को काम की पेशकश की गई। कोरोना संकट की अवधि में 12,000 स्वयं सहायता समूहों ने 3 करोड़ से अधिक मास्क और 1.2 लाख लीटर सैनिटाइज़र का उत्पादन किया है। पिछले दो महीनों के दौरान शहरी गरीबों के लिए 7,200 नए स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है।

- प्रवासी मजदूर और शहरी गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए आपदा राहत फंड के माध्यम से 11,000 करोड़ से अधिक की राशि राज्यों को उपलब्ध करवायी गई। कॉर्पोरेटिव बैंक और रिजनल रुरल बैंक को मार्च 2020 नाबार्ड ने 29,500 करोड़ के रिफाइनेंस का प्रावधान किया। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों को मार्च में 4,200 करोड़ की रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड राशि दी गई।

- अगले 2 महीनों के लिए सभी प्रवासियों को मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति की जाएगी। गैर-कार्ड धारकों के लिए उन्हें 5 किलो गेहूं/ चावल प्रति व्यक्ति और 1 किलो चना प्रति परिवार/महीना 2 महीने के लिए दिया जाएगा। इसे 8 करोड़ प्रवासियों को फायदा होगा और सरकार के 3500 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

- वन नेशन वन राशन कार्ड लागू किया जाएगा। पीडीएस की 83% आबादी वाले 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थियों को अगस्त 2020 तक राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी द्वारा कवर किया जाएगा। प्रवासी श्रमिकों के लिए सस्ती किराये की आवासीय योजना भी शुरू की गयी है।


- हम 'वन नेशन वन राशन कार्ड' सभी प्रवासी मजदूरों के लिए लाने वाले हैं। इसकी मदद से आप राज्य के किसी भी उचित मुल्य की दुकान से अपना राशन खरीद सकते हैं।

- भारत सरकार 12 महीने की अवधि के लिए मुद्रा-शिशु ऋण भुगतान के लिए 2% का ब्याज अनुदान प्रदान करेगी। इससे मुद्रा-शिशु ऋण भुगतानकर्ताओं को 1500 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।

- 5000 करोड़ रुपये की विशेष क्रेडिट सुविधा के साथ लगभग 50 लाख स्ट्रीट वेंडरों को दिया गया।

- मध्यम आय वाले परिवारों के लिए किफायती आवास योजना 6 लाख रुपये से 18 लाख रुपये वार्षिक आय मार्च 2021 तक बढ़ाई जाएगी।

- ग्रामीण को-ऑपरेटिव बैंकों और आरआरबी की फसल ऋण आवश्यकता के लिए नाबार्ड को 30,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्त सहायता दी जायेगी। किसानों को रबी के फसल के रखरखाव और खरीफ की बुवाई के लिए 3 करोड़ छोटे किसानों को 30 हज़ार करोड़ रूपये की नाबार्ड के जरिये यह मदद दी जाएगी। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रियायती ऋण प्रोत्साहन दिया जायेगा।

- आदिवासी लोगों की नौकरी के लिए क्षतिपूर्ति वनीकरण प्रबंधन और योजना प्राधिकरण के तहत 6,000 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गयी है।

- अब तक देश में 8006 श्रमिक ट्रेनें प्रवासियों के लिए चलायीं गईं हैं जिसमें करीब 10 लाख प्रवासी अपने राज्य पहुँच सके हैं। प्रवासियों को गृह राज्य पहुँचाने में केंद्र सरकार सभी राज्यों के संपर्क में है और लगातार मांग के अनुसार ट्रेन की सुविधा मुहैय्या करा रही है।

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